Monday, November 15, 2010 |
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दिल एक सागर है आज यह ख़याल तब आया ,
जब आँखों ने उन्हें ढूँढा पर अपने पास ना पाया
कल तक माँ और पा मेरे पास थे
मगर आज सिर्फ उनके साथ बिताई हुई कुछ यादें मेरे साथ हैं
काश में बीते हुए दिनों को संजो के रख पाता,
काश मै बीते हुए दिनों में फिर से चला जाता
आज भी रोज़ की तरह समय का पहिया चला जा रहा है
लेकिन आज वो पास नहीं हैं जिन्हें दिल बुला रहा है
यह कुछ पंक्तियाँ हैं उन सभी लोगों के लिए जो अपने माँ और पा से दूर हैं, जैसे आज मै दूर हूँ
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