माँ


सपने में  आई  थी  आज  माँ , कह  रही  थी  बेटा  मेरे  पास  आ .  बहुत  दिनों  से तुझे  देखा  नहीं , गुम  तो  नहीं  हो  gayaa  तू  कहीं . मैंने  बोला  माँ  तुझसे  दूर  कहाँ  जाऊँगा , कहीं  भी  रहूँगा  तेरे  पास  ज़रूर  आऊँगा . तू  ही  तो  आज  भी  मुझे  सुलाती  है , तेरे  ही  सपने  देखने  के  लिए  मुझे  नींद  आती  है .
तू भगवान की बनाई हुई सबसे सुंदर तस्वीर है 
तू ही तो मेरा भगवान् है तू ही तो मेरा पीर है
आंसू निकलते हैं तो तेरा चेहरा ही यह आँखें खोजती हैं
काश तू मेरे पास होती रोते रोते यह सोचती हैं
तुझे ढूंढता रहता हूँ हर पल हर कहीं
तू ही मेरा आसमान है तू ही मेरी ज़मीन है
इस संसार में तू ही हर कहीं है
तू ही मेरा धर्म तू ही मेरा ज़मीर है

1 comments:

  1. Gaurav Pandey said...:

    very nice sameer bhai. Keep writing.
    Ek kavita IHM par bhi ho jaye :)

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